मुद्रा लोन न चुकाने पर क्या होगा, बिना गारंटी तो है पर नियम भी हैं

मुद्रा लोन न चुकाने पर क्या होगा

केंद्र सरकार द्वारा देश के नागरिकों को रोजगार के अवसर प्रदान करने और उनके व्यवसाय को बढाने के लिए प्रधानमंत्री मुद्रा लोन योजना चलाई जा रही है। इस योजना के तहत छोटे – मोटे व्यवसायी और उद्यमियों को लोन की सुविधा देती है। अगर कोई नागरिक इस योजना के तहत लोन लेता है और उसे समय पर नहीं चूका पाता है तो मुद्रा लोन न चुकाने पर क्या होगा? क्या बैंक उसके खिलाफ कार्यवाही करेगी ? या उस नागरिक की सम्पति जब्त हो जायेगी।

मुद्रा लोन न चुकाने पर क्या होगा

प्रधानमंत्री मुद्रा लोन योजना के तहत अगर आप पैसे लेते है तो आपको इस लोन योजना के तहत मिलने वाला पैसा अगर आप समय पर वापस नही लौटा पाते है तो उस स्तिथि मे बैंक के पास क्या अधिकार है या आपके पास क्या अधिकार है ? इसके बारे मे आप आगे जान सकते है।

अगर कोई मुद्रा लोन नहीं चूका पाता है तो उस स्तिथि मे उसकी घबराने की जरूरत नही है। मुद्रा लोन अगर डिफ़ॉल्ट हो जाता है तो यह सिविल लाइबिलिटी है ना की क्रिमिनल लायबिलिटी।

इस स्तिथि मे यह कुछ बिंदु है –

  • अगर आप ईएमआई नही चुका पाते तो आपको खिलाफ किसी भी तरह की कोई एफआईआर नही होगी ना ही आपको कोर्ट के धक्के खाने पड़ेंगे।
  • कई बार रिकवरी एजेंट लोन वसूली के लिए पुलिस के नाम से धमकाते है तो इसमे डरे नही, क्योकि इस लोन की किश्त चुकने पर आपके खिलाफ कोई अरेस्ट वार्रेंट नही निकलता है ना ही आपकी गिरफ़्तारी होती है। इस दोहरान अगर आप पैसा नही चुकाते है तो उसके बाद।
  • इसके बाद लगभग 90 दिन बाद बैंक आपको एक लिगिल नोटिस देती है जिसमे लोन की पूरी जानकारी दी होती है आपको कितना लोन चुकाना है और उस पर कितना ब्याज और पेनाल्टी है, उन सब की जानकारी लिखी होती है। अगर आपके पास नोटिस आ गया है  तो इसका मतलब है की अब आपके खिलाफ कानूनी कार्यवाही होगी और अब आपसे लोन की वसूली की जायेगी।

बैंक से जुडी अन्य जानकारी –

बैंक से लोन लेने के बाद बैंक के पास क्या अधिकार है और ग्राहक के पास क्या अधिकार है उन सब के बारे मे जानकारी आगे बताई गई है।

मुद्रा लोन न चुकाने पर बैंक के अधिकार

अगर कोई बैंक से मुद्रा लोन लेता है और उसे वापस नही चुका पाता है तो उस स्तिथि मे बैंक के पास यह कुछ अधिकार होते है जिसकी मदद से वो बैंक से दिए हुए लोन को ग्राहक से वसूल  सकती है।

  • एक बार सबसे पहले बैंक आपको मौखिक रूप से वार्मिंग देती है की आप वो लोन की राशि को चूका दे।
  • दूसरी बार बैंक कुछ निस्चित समयावधि के बाद लोन चुकाने के लिए एक लेटर कोर्ट की मदद से भेजती है और ग्राहक को लोन चुकाने के लिए कहती है। अगर आप समय पर लोन चूका देते है तो स्तिथि आपके खिलाफ कोई कार्यवाही नही होती है।
  • इसके बाद भी अगर आप लोन की राशि को नही चुकाते है तो उसके बाद बैंक कानून की मदद से आपको एक और जनरल पत्र भेजती है और उसके बाद बैंक से लिया हुआ लोन चुकाने को कहती है।
  • इसके बाद भी अगर कोई लोन की राशि नहीं चुकता है तो उस स्तिथि मे उसकी सम्पति की बैंक कानून की मदद से जब्त कर लेती है और उसे नीलाम कर लोन की राशि को वसूल करती है।
  • मुद्रा लोन की स्तिथि मे ऐसा यह स्तिथि थोड़ी अलग हो सकती है। इसमे बैंक आपसे जबरदस्ती लोन की राशि वसूल नहीं कर सकती है।

ग्राहक के पास अधिकार –

अगर कोई ग्राहक बैंक से लोन लेता है और उसकी किश्त समय पर नही  चूका पाता है तो इस पर उसको घबराने की जरूरत नही है क्योंकि बैंक से लोन लेने वाले ग्राहक के पास भी कुछ ऐसे अधिकार है जिससे वो अपने लोन किश्त अगर 1-2 सप्ताह लेट भी हो जाए तो वो उसे आसानी से चूका सकता है।

  • अगर आप किश्त चुक जाते है और आपके पास बैंक से फ़ोन आता है आपको बैंक का कार्मिक धमकता है तो उस स्तिथि मे आपके पास भी इसका अधिकार रहता है की बैंक का कार्मिक आपको किसी भी तरह से धमका नहीं सकता है। ऐसी स्तिथि मे ग्राहक को बैंक से डरने की जरूरत नही है।
  • बिना किसी नोटिस के नहीं वसूल सकती है लोन की राशि, अगर कोई ग्राहक लोन की राशि देने मे असमर्थ रहता है तो उस स्तिथि मे बैंक से लोन लेने वाले ग्राहक के पास यह अधिकार रहता है की बैंक उसकी किसी भी तरह से लोन वसूलने से पहले बैंक उस ग्राहक को कुछ दिन की मौहलत लिखित रूप मे देती है और उसे नोटिस देती है। बिना किसी नोटिस के बैंक ग्राहक से लोन नहीं वसूल सकती है।
  • अगर कोई बैंक का एजेंट ग्राहक के घर रोज आता है या उन्हें परेशान करता है तो ऐसी स्तिथि मे ग्राहक इसकी शिकायत कर सकता है। शिकायत करने के लिए बैंक ओबड्समन मे जा कर शिकायत कर सकता है।

मुद्रा लोन न चुकाने पर कानूनी नियम –

किसी भी स्तिथि मे अगर कोई ग्राहक लोन की राशि को चुकाने मे असमर्थ रहता है तो उसके बाद बैंक किस तरह से लोन की राशि को वसूल करता है उससे जुड़े यह कुछ कानूनी नियम इस प्रकार है –

  • ग्राहक को बिना किसी नोटिस दिए उसकी सम्पति को वसूल नहीं कर सकता है। अगर बैंक मे रखे ग्राहक के एसेस्ट्स की नीलामी करनी है तो उस स्तिथि मे बैंक को उस ग्राहक को 90 दिवस का लिखित नोटिस देना होता है। वही मानले दर्ज करने से पहले 60 दिन से पहले एक और नोटिस देना होता है।
  • अगर आपका लोन बैंक से डिफ़ॉल्ट हो जाता है तो इसका मतलब यह नही है की आप कोई अपराधी बन जाते है या आपको जेल मे डाल दिया जाएगा, ऐसा नही है। बैंक ग्राहक की सम्पति को नीलम कर बैंक लोन की राशि को वसूल कर सकता है लेकिन कानूनी दायरे मे रहकर।

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